Monday, March 30, 2020

नई ज़िंदगानी

२७/०३/२०२०

प्रिय मित्रों 🙏
अभी  हाल ही में lockdown के दिनों में बारिश हुई थी । उसी एक सुबह मैंने जो महसूस किया उसी को इस कविता के ज़रिये पेश कर रही हूँ ।आशा करती हूँ आपको पसंद आएगी ।



हवा की आज रवानी देखी 
बनती नई ज़िंदगानी देखी ।

जवाँ दिख रहीं थीं पत्तियाँ पेड़ों पे,
हवा ले रही थी ताज़ा  साँसें ।
ऐसे गा रहे थे पंछी गगन में,
मानो प्रकृति का  जन्मदिन मना रहे थे ।
हवा की आज रवानी देखी 
बनती नई ज़िंदगानी देखी ।

क़ैद थे इंसान घरों में,
व्यस्त अपनी  दिनचर्या में ।
वातावरण शुद्ध हो रहा था, 
पुनर्जनम उसका हो रहा था ।
हवा की आज रवानी देखी 
बनती नई ज़िंदगानी देखी ।

meना 

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