Hello everyone.
My today's poem is a tribute to our Mother India Mrs Sushma Swaraj who left this world to dwell in heaven, yesterday (i.e 06/08/2019, Tuesday). ईश्वर इन्हें अपने चरणों में रखें, यही प्रार्थना है हमारी 🙏🏻।
०७/०८/२०१९
श्रीमती सुषमा स्वराज (१४ फ़रवरी १९५२- ६ अगस्त २०१९ )
“सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से”
सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से ....
ऊष्मा ममता की, दुलार की
ऊष्मा मित्रता की, पुकार की।
जिसने कई क्षेत्रों में पहल कर
शान बढ़ायी देश की और महिलाओं की।
वह बनी भारत देश की ....
सबसे कम उम्र की महिला कैबिनेट मंत्री,
भाजपा की पहली महिला मंत्री,
भाजपा की ओर से पहली महिला केंद्रीय मंत्री,
दिल्ली की पहली महिला मुख्य मंत्री,
व देश की पहली महिला विदेश मंत्री।
सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से ....
आम आदमी की मदद करने को रहती हमेशा तत्पर,
दिन-रात चौबीसों घंटे लगी रहती काम पर।
मोहनी सूरत, ममता की मूरत,
जिसकी वजह से देखी कई लोगों ने अपने बिछड़ों की सूरत।
सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से .....
जनता की सहायता कर सुषमा बनी कुशल राजनेता,
अपने स्वर से राज कर स्वराज बनी प्रखर वक़्ता।
अन्याय के सामने कभी ना झुका था सिर जिसका।
ऐसी निडर वीरांगना को है नमन देश का।
सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से ...
अपने काम से था प्रेम जिसको, देश के लिए थी समर्पित जो,
मानो अंतिम क्षणों में काल से भी कह रही हो,
“ चलती हूँ ज़रा रुक जाओ।
जन्नत को स्वराज मिलते देख लूँ, एक भारत - श्रेष्ठ भारत होते देख लूँ।
ले लूँ कुछ साँसें सम्पूर्ण आज़ाद देश में तब चलती हूँ।”
और उसने अपना वादा पूरा किया,
छोड़ गयी वह हमें सदा के लिए।
और ऊष्मा नीर बनके आँखों से बह गयी।
सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से ....
अजातशत्रु श्रीमती सुषमा स्वराज को भावभीनी श्रधांजलि। 🙏🏻
meना
** The image is obtained from internet and the credit goes to the respective author.
** The image is obtained from internet and the credit goes to the respective author.