Wednesday, August 7, 2019

सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से

 Hello everyone. 
My today's poem is a tribute to our Mother India Mrs Sushma Swaraj who left this world to dwell in heaven, yesterday (i.e 06/08/2019, Tuesday). ईश्वर इन्हें अपने चरणों में रखें, यही प्रार्थना है हमारी 🙏🏻। 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                   ०७/०८/२०१९

 श्रीमती सुषमा स्वराज        (१४ फ़रवरी १९५२- ६ अगस्त २०१९ )
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सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से”          


सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से ....
ऊष्मा ममता की, दुलार की
ऊष्मा मित्रता की, पुकार की।

जिसने कई क्षेत्रों में पहल कर
शान बढ़ायी देश की और महिलाओं की। 
वह बनी भारत देश की ....
सबसे कम उम्र की महिला कैबिनेट मंत्री,
भाजपा की पहली महिला मंत्री,
भाजपा की ओर से पहली महिला केंद्रीय मंत्री,
दिल्ली की पहली महिला मुख्य मंत्री,
व देश की पहली महिला विदेश मंत्री। 
सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से ....

आम आदमी की मदद करने को रहती हमेशा तत्पर,
दिन-रात चौबीसों घंटे लगी रहती काम पर।
मोहनी सूरत, ममता की मूरत,
जिसकी वजह से देखी कई लोगों ने अपने बिछड़ों की सूरत।
सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से .....

जनता की सहायता कर सुषमा बनी कुशल राजनेता,
अपने स्वर से राज कर स्वराज बनी प्रखर वक़्ता।
अन्याय के सामने कभी ना झुका था सिर जिसका।
ऐसी निडर वीरांगना को है नमन देश का।
सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से ...

अपने काम से था प्रेम जिसको, देश के लिए थी समर्पित जो,
मानो अंतिम क्षणों में काल से भी कह रही हो,
“ चलती हूँ ज़रा रुक जाओ।
जन्नत को स्वराज मिलते देख लूँ, एक भारत - श्रेष्ठ भारत होते देख लूँ।
ले लूँ कुछ साँसें सम्पूर्ण आज़ाद देश में तब चलती हूँ।”

और उसने अपना वादा पूरा किया,
छोड़ गयी वह हमें सदा के लिए।
और ऊष्मा नीर बनके आँखों से बह गयी। 
सुषमा ने बांधे रखा था ऊष्मा से ....

अजातशत्रु श्रीमती सुषमा स्वराज को भावभीनी श्रधांजलि। 🙏🏻

meना

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Sunday, August 4, 2019

देर आयी दुरुस्त आयी (Der aayi durust aayi)

२४/०६/२०१८ को हुई बारिश

"देर आई दुरुस्त आयी" 


मालूम होता है बारिश भी देरी से चलने वाली रेल से सफ़र कर आई है,
तभी तो नौ घंटे की बजाय पंद्रह घंटे में आई है।
आपके वहाँ भौर में आई तो हमारे यहाँ शाम ढलते आई है,
ख़ैर साहब देर आई दुरुस्त आई पर आई तो है।
लगता है सफ़र की थकान कुछ ज़्यादा हो गयी,
जभी तो कुछ कम बरसा है।
ख़ैर साहब देर आई दुरुस्त आई पर आई तो है।
कहते हैं गरजने वाले बरसते नहीं और बरसने वाले गरजते नहीं,
पर मियाँ आज की बारिश तो गरजी भी है और बरसी भी है।
ख़ैर साहब देर आई दुरुस्त आई पर आई तो है।
अब आई हो तो आते ही रहना,
ऊपरवाले से दुआ है हमारी ऐसे ही गरजते और बरसते रहना,
जितने की ज़रूरत हो उतना ही देना, न कम न ज़्यादा,
फिर हर बच्चा,बूढ़ा,जवान व किसान गाएगा क्या ख़ूब बरसी है, क्या रहमत बरसाई है !!
हर जीव जंतु पक्षी भी झूम उठेगा,
फिर कोई न कहेगा देर आई दुरुस्त आई पर आई तो है। 
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me ना
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सखी वर्षा

"सखी वर्षा" 

आओ सखी, बरसो सखी
पूरे तेईस दिनों बाद आई हो सखी।
माफ़ करना, तीन रोज़ पहले भी तो
तुम आईं थी सखी।
रातभर बरसी थी शायद,
सुबह गीली सौंधी मिट्टी ने
दिलायी थी तुम्हारी याद। 

                                          अब क्या बताऊँ सखी
तुम्हारे पहली बार आकर जाने के बाद,
कितनी आयी हम सबको तुम्हारी याद !
तुम जो न थीं गीला करने को,
पसीने ने भिगो दिया हम सबको।
पर आज तो मान गए तुमको,
क्या ख़ूब बरसी हो !
ढोल ताशे आतिशबाज़ी के साथ बरसी हो।

बाहर बिजली⚡️ क्या कड़की,
घर की बिजली गुल हो गयी।
पर सखी वायु ऐसी चली
कि भीतर बाहर cool कर गयी।

सुनो, तुम्हारा आना अच्छा लगा। 
ऐसे ही आती रहना, अपना प्यार बरसाती रहना।
भला बताओ, अपनों को कोई न्योता देता है क्या?
पर तुम तो ‘वर्षा रानी’ हो,
तुम्हें आदर देना तो बनता है ना।

बस, एक निवेदन  है तुमसे,
जहाँ है प्यासी धरती वहाँ तुम्हारी मेहर बरसे।
और जहाँ है रौद्र रूप दिखलाया,
वहाँ तू विराम से बरसे। 

आभार-आभार-आभार-
तुम आयीं हमारे द्वार। 

meना

दोस्ती (Dosti)

On Friendship Day...... Sunday (04/08/2019)




                                                                                      



दो हस्ति ( दोस्ती )

दो हस्ति जो साथ खेलती और हँसती है
जो एक दूसरे का सुख दुःख बाँटती है
जो रोते को हँसाती है
जो एक दूसरे की अनकही पीड़ा भाँप जाती है
जो दूर होकर भी पास होने का एहसास दिलाती है
जो मदद की एक आवाज़ लगाने पर दौड़ आती है
जो कभी मायूसी से घिरने नहीं देती और गिरने पर उठा लेती है
जो ख़ून के रिश्तों से भी ज़्यादा रिश्ता निभाती है
जो हँसी मज़ाक़ में एक दूसरे की टाँग खिंचती है तो कभी एक दूसरे का आत्मविश्वास बढ़ाती है
जो एक सा सोचती है ऐसी हस्ति जब एक हो जाती हैं तब दोस्ती कहलाती है।
तब दोस्ती कहलाती है।

मेरी सभी ऐसी हस्तियों को जिन्होंने दोस्ती के अर्थ को सार्थक किया  है दोस्ती का ये दिन मुबारक हो।
Happy Friendship Day to all my lovely friends..........

meना

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