Wednesday, May 19, 2021

प्रार्थना

१७/०५/२०२१


जवान तोड़ रहे हैं दम 

बुज़ुर्ग छोड़ रहे हैं आस 

और बच्चे हो रहे अनाथ 

ये कैसी लीला हैतेरी नाथ ?


माना परिस्थितियाँ विकट हैं 

मदद को ना आता कोई निकट है

यह भी गुज़र जाएगा 

ऐसा विश्वास अटूट है। 

पर.....

दिल दहल जाता है 

कान सुन्न पड़ जाते हैं 

और होंठ मानो सिल जाते हैं 

जब जब सुनते ख़बर दुखद हैं। 


बस करो प्रभु अब 

और  दिखाओ मौत का ये तांडव। 

महामारी से लड़ते-लड़ते थक चुका है मानव। 

अल्पविराम नहींअब पूर्णविराम लगाओ इसे 

हाथ जोड़ करते हैं ये प्रार्थनाहे माधव! 🙏🏻


meना

9 comments:

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  2. समयानुकूल उत्कृष्ट रचना!!
    भावनाओं की बहुत ही बेहतरीन अभिव्यक्ति, ईश्वर इस प्रार्थना को स्वीकार करें ये हमारी भी कामना है।

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  3. Samayanuroop Satik abhivyakti hai.

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