०२/१२/२०२०
१)
दिल होता तो रो पड़ता, देख पीड़ा किसी की
क्योंकि दर्द, दिमाग़ को समझ नहीं आते।
अब क्या शिकायत करें जनाब,
पत्थरों के साथ जी रहे हैं, इंसान होते तो पिघल जाते।
२)
देख मसरूफ़ियत* और कुछ करने की लगन तेरी
सीना फख्र* से चौड़ा हो जाता है।
पर, जब दिखती नहीं तुम्हें तकलीफ मेरी
दिल ज़ार-ज़ार* रोता है।
* व्यस्तता
* गर्व
* बहुत ज्यादा
meना
Wow...
ReplyDeleteAmazing lines didi. Wide thoughts of deep pain!
Thank you Phoram.
DeleteNice lines.
ReplyDeleteThank you.
Delete