Monday, February 24, 2020

पा-गल

२४/०२/२०२०

            पा-गल 


पा-गल, पा-गल सब कहें,
गल पाया न कोय
जो गल रब की समझ गया,
ते पागल रह्या न कोय

meना 
(संत कबीर के दोहों से प्रेरित होकर।)
(Inspired by Sant Kabir's verses)

Thursday, February 13, 2020

इश्क़ वाला वायरस

                                                                                     १३/०२/२०२० 

प्रिय पाठकगण,
नमस्कार। वर्ष २०२० की मेरी पहली कविता उन प्रेमियों को समर्पित है जिनका प्रेम प्रति वर्ष फ़रवरी महीने में वैलेंटाइन्स के दिनों में बढ़ जाता है इससे मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का उद्देश्य कतई नहीं है  



                                                                                       


कई युवक युवतियों को अपनी चपेट में ले लेता है,
सुना है यह इश्क़ वाला वायरस हर साल फ़रवरी में फैलता है

लॉटरी लगती है फूल वालों और दुकानदारों की,
बस अपने मरीज़ को यह कहीं का नहीं छोड़ता है
यह इश्क़ वाला वायरस हर साल फ़रवरी में फैलता है


meना